Negative Attitude

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Thursday, May 14, 2020

चुनौती तो अब आत्मनिर्भर होने की है..."अच्छे दिन" का क्या ये तो महज एक नारा था...


हम "पी.सी.सरकार" का इसलिये समर्थन नही करते कि इन्होंने हमारे बारातियो का स्वागत "पान पराग" से नही किया था.. हम इसलिए समर्थन करते है कि ये भारत को काल्पनिक योजनाओं और घोषणाओं के नाम पर अनगिनत बार बंटवारा कर चुके है...इन बंटवारों से "पी.सी.सरकार" को मीडिया हेडलाइंस में शोहरत तो मिलती है लेकिन देश को सिर्फ हताशा या यूं कहें कि ख़्याली खिचड़ी ही मिलता है...अब तक राजनैतिक रैलियों या चुनावी जनसभाओं में इन्होंने जितने भी वादे किए है उसका स्टेटस पता कीजिये,कमल कम, कीचड़ ही ज्यादा मिलेगा...

अब आप आत्मनिर्भर अभियान पैकेज को ही देख लीजिये, कर्ज के जरिये कोई भी वित्तीय व्यवस्था आत्मनिर्भर हो सकती है क्या? इससे दुकाने तो ज्यादा खुल जायेंगी लेकिन खरीददारों की संख्या कैसे बढ़ेगी इसका "पी.सी.सरकार" के किसी मंत्री को नही पता....सिर्फ कर्ज से अर्थव्यवस्था का पोषण का मतलब आर्थिक मंदी का endemic के रूप में हमारे बीच स्थायित्व हो जाना...

भारत जैसे विशाल देश में कोरोना जैसी संक्रामक महामारी के प्रबंधन में "पी.सी.सरकार" द्वारा हर दिन theme/ विषय परिवर्तित करना बौद्धिक निर्बलता को दर्शाता है..कभी जान से जहान तो कभी जान भी जहान भी इत्यादि इत्यादि ...कोरोना महामारी में आज उपभोक्ताओं का अस्तित्व डाँवाडोल है और असल मे जरूरत है उपभोक्ताओं को आर्थिक तौर पर ससक्त बनाने की वह भी कल्याण से कर्ज से नही...

भारतीय अर्थतंत्र मुख्यतः घरेलु उपभोग पर निर्भर है और ऐसे में उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने की प्राथमिकता होनी चाहिए...वित्तीय संस्थानों का व्यवसाय ही है सूदखोरी का,पैकेज में डालो या न डालो...जो पैकेज घोषित किया है उसमें सबकुछ बैंको पर थोपा गया है...सरकार इसमे सिर्फ समाचार उद्घोषक की तरह है.."पी.सी.सरकार" ने भारतवासियों से जब मदद   (#PMCARES) की गुहार लगाई तो भारतवासियों ने उनके खाते में डायरेक्ट दान दिया...हमने तो दान का कोई अपरोक्ष जरिया नही बताया...

"पी.सी.सरकार" को आत्मनिर्भर बनाने की इतनी चिंता है तो DBT(Direct Benefit Transfer) के जरिये उपभोक्ताओं के माँग की अग्नि प्रज्ज्वलित करने की सोचते... ताकि MSME"s या LSI's जो उत्पादन करे उसके विक्रय के साथ साथ उचित मुनाफा भी सुनिश्चित हो...

आत्मनिर्भर की इतनी चिंता होती तो रेल परिसर में Google के वजाए MTNL या BSNL का फ्री वाईफ़ाई होता...आत्मनिर्भर की इतनी चिंता होती "पी.सी.सरकार"  के convoy के लिए महिंद्रा की गाड़ियां होती...आत्मनिर्भर की इतनी चिंता होती तो  "पी.सी.सरकार" Montblanc पेन की जगह Linc पेन का  इस्तेमाल करते....सिर्फ theme से कोई भी व्यवस्था भीम जैसा बलशाली नही हो सकता,इसके लिए उचित पोषण भी जरूरी है...theme/नारा "अच्छे दिन" का भी था पर देखिये यह कहाँ आकर अटक गया...चुनौती तो अब आत्मनिर्भर होने की है..."अच्छे दिन" का क्या ये तो महज एक नारा था...भुल जाइये इसे...please


**पी.सी : प्रधान चौकीदार


#आत्मनिर्भरभारतअभियान #Atmanirbharbharat

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