Negative Attitude

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Friday, October 7, 2016

स्ट्राइक बचाकर रखिये ''सरजी-कल'' के लिए..

राजनीति में राजनीति द्वारा शाशकीय शीर्ष पर पहुचने या पहुँचकर कायम रहने की राजनीति ही मजबुत लोकतंत्र की बीमार राजनीति है... सर्जीकल स्ट्राइक के मसले पर या सर्जीकल स्ट्राइक से मिले पॉलिटिकल पब्लिसिटी से आगामी यूपी चुनाव में होने वाले संभावित फायदे पर हमले से ज्यादा जरुरी है की हमारे नेतागण आतंरिक असहमति से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही भारत की किरकिरी को इस मुद्दे पर सियासी एकजुटता दिखा अब तक हो चुके राजनैतिक नुक्सान को नियंत्रित करे। RTI का आवेदन मीडिया में क्यों दे रहे है? 

देशहित सर्वोपरि है,चुनाव तो अपने यहाँ हर वर्ष कही न कही होता ही है,स्ट्राइक बचाकर रखिये,पराजयः के आतंक के लिए सर्जीकल टाइप का सिचुएशन इधर भी मिलेगा!

बयानबाज़ी ऐसे हो रही है मानो देश की सामरिक शक्ति का राजनैतिक इक्षाशक्ति के आगे कोई स्थान नहीं ही है.सत्तारूढ़ पार्टी अपनी पीठ खुद थपथपा रही है, वही विपक्षी पार्टिया पंजाब और यूपी चुनावों को केंद्रित कर इस मुद्दे पर अपनी अलग टाइप के बयानबाजी से सफलता के सूत्र तलाशने में जुटे है. ऐसी बयानबाजी का क्या लाभ की बयान आप अपनी सरजमीं में दे रहे है और हिट हो रहे है पाकिस्तानी मीडिया में.

सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की घोषणा बाकायदा मीडिया के साथ किया था, इसके अतिरिक्त आपको और क्या साक्ष्य चाहिए?

विश्वसनीयता में भारतीय सेना का भारतीय राजनीति से कोई तुलना ही नहीं है.ये कोई काला धन,महँगाई या अच्छे दिन जैसा चुनावी रैली का जुमला रूपी हवाई फायरिंग नहीं था,ये भारतीय सेना का सर्जिकल स्ट्राइक था,आतंकवाद के खिलाफ भारत की सामरिक शक्ति की एक सुक्ष्म झाँकी। इससे हमारे शत्रु को विचलित होना चाहिए था पर इसके इतर यहां तो हमारे राजनेता अलग अलग देश की मीडिया में अपने बयानों से हिट होने की दौड़ लगा रहे है!

समाजवाद,बहुजन समाज और आम आदमी पर अलग अलग सियासी संस्थाओं की राजनैतिक विचारधारा अलग अलग हो सकती है और इसका भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था या हमारा संविधान समर्थन भी करता है लेकिन जब बात देश की संप्रभुता या आतंकवाद,''जो पाकिस्तान कश्मीर में जिहाद का रूप दे एक प्रतिपत्री युद्ध लंबे समय से करता आ रहा है'',सरीखे मुद्दे पर हो तो आप सभी सियासी हुक्मरानों को एक साथ,एक लय में खड़ा होना चाहिए।

एक मैंगो मैन या साधारण व्यक्ति अपनी राय वह भी ब्लॉग के जरिये इससे ज्यादा नहीं रख सकता!

जय हिन्द!

4 comments:

  1. ओछी राजनीति एकजुटता कैसे पसंद करे!

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  2. जो अभी तक रज करते आये हैं वो साथ खड़े दिखे तो वो राजा थोड़ी रहेंगे .... वो पैदाइशी राजा हैं .....

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  3. हर जगह राजनीति ठीक नहीं लेकिन कौन समझाए कभी न समझने वालों को। ..

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