Negative Attitude

Negative Attitude
Negative Attitude

Thursday, May 2, 2013

परिवर्तन है चीत्कार कर रहा

बार बार कोंख क्यों है शर्मशार हो रहा
अजन्मी बेटियों पे वार बारम्बार हो रहा
ममता की अस्मत तार तार हो रहा
क्या हो गया है इस संसार को
इंसानियत क्यों है बीमार हो रहा
बार बार कोंख क्यों है शर्मशार हो रहा
अजन्मी बेटियों पे वार बारम्बार हो रहा
क्यों देखती है आँखें इनको अलग थलग
जन्म देने वाला ही मौत का क्यों पैकार बन रहा
और जो बेटियाँ है इस जहां में
क्यों इनपे इतना है अत्याचार हो रहा
रिश्तो की डोर से बंधे इस समाज को
रिश्तो से ही क्यों अब सरोकार न रहा
क्या हो गया है इस समाज को
इंसानियत है क्यों नीलाम हो रहा
वक़्त है एक सच्ची आवाज़ की
स्वस्थ रिश्तों की आगाज़ की
बेटियों के तख्तोताज की
एक जिम्मेदार समाज की
परिवर्तन है चीत्कार कर रहा
परिवर्तन है चीत्कार कर रहा...

2 comments: