आग का दरिया है और डूब के जाना है
क्या पता जिंदगी की पहेली का हल मिल जाए
क्या पता कोई सपनो का महल मिल जाए
कालिख के निशां मानते है अशुभ
पर गालो के काले तील को अदा ए हुश्न
शब्दों की कारीगरी कही जिंदगी की मालगुजारी तो नहीं
क्यों लम्हे हम लम्हों के दरमियान ढूंढते है
मोहब्बत अब मुहब्ब्त बन गयी है
और मोहब्बत करने वाले इशकजादे
मीरा,राधा अब इश्कीया हो चली
फिर भी कृष्ण की लीला पूजते है
यह कलयुग नहीं कलायुग है
क्योंकी रातो में ही सुकून के निशाँ ढूंढते है
तेज और तेज भागने की होड़ में सभी यहाँ
अगर ये होता तो क्या होता
अगर ये हुआ तो क्या होगा
इन जुगलबंदियों में मशरूफ इस तरह दीखते है
मानो कर्म, कर्म नहीं अपराध हो
जिंदगी,जिंदगी नहीं एक मियाद हो
अगर ऐसा है तो जी ले इस मियाद को
प्रेम से,सौहार्द से क्योंकि
क्या पता जिंदगी की पहेली का हल मिल जाए
क्या पता कोई सपनो का महल मिल जाए
शुभ रात्रि ..:-)
क्या पता जिंदगी की पहेली का हल मिल जाए
क्या पता कोई सपनो का महल मिल जाए
कालिख के निशां मानते है अशुभ
पर गालो के काले तील को अदा ए हुश्न
शब्दों की कारीगरी कही जिंदगी की मालगुजारी तो नहीं
क्यों लम्हे हम लम्हों के दरमियान ढूंढते है
मोहब्बत अब मुहब्ब्त बन गयी है
और मोहब्बत करने वाले इशकजादे
मीरा,राधा अब इश्कीया हो चली
फिर भी कृष्ण की लीला पूजते है
यह कलयुग नहीं कलायुग है
क्योंकी रातो में ही सुकून के निशाँ ढूंढते है
तेज और तेज भागने की होड़ में सभी यहाँ
अगर ये होता तो क्या होता
अगर ये हुआ तो क्या होगा
इन जुगलबंदियों में मशरूफ इस तरह दीखते है
मानो कर्म, कर्म नहीं अपराध हो
जिंदगी,जिंदगी नहीं एक मियाद हो
अगर ऐसा है तो जी ले इस मियाद को
प्रेम से,सौहार्द से क्योंकि
क्या पता जिंदगी की पहेली का हल मिल जाए
क्या पता कोई सपनो का महल मिल जाए
शुभ रात्रि ..:-)
Very well said. :)
ReplyDeleteThank you..:)
ReplyDeleteah ha well that is true is it not .. :) LIFE
ReplyDeleteBikram's
YES..:)
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